भय,भूख व भावनाओें के बहाव में सफर की मुश्किलें भी छोटी

संपूर्ण लॉकडाउन से उन गरीब परिवारों पर मुसीबत टूट पड़ी जो दिहाड़ी मजदूरी करके जीवनयापन करते हैं



मिर्जापुर। कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थितियों के मद्देनजर संपूर्ण लॉकडाउन से उन गरीब परिवारों पर मुसीबत टूट पड़ी जो दिहाड़ी मजदूरी करके जीवनयापन करते हैं। लॉकडाउन हुआ तो मालिकों ने भी उनका साथ छोड़ दिया। बसें बंद, ट्रेन व गाड़ियां सब कुछ बंद होने की वजह से वे पैदल ही सैकड़ों मील की दूरी नापने निकल पड़े। राहत की बात है कि आम लोगों ने इनकी भरपूर मदद की और अब पुलिस भी इनको गंतव्य तक भेजने का प्रबंध कर रही है।


कोटेदार ने दुत्कारा, साधारण व्यक्ति ने दिया सहारा


बिहार के औरंगाबाद जिले के दाऊदनगर निवासी रामेश्वर प्रसाद, अनिल कुमार, गेंदिया देवी, मुकेश कुमार, शिव नारायण प्रसाद सड़क निर्माण के लिए छह दिन यहां आए थे। श्रमिक रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि सिचाई विभाग द्वारा बनाई जा रही अमदह सेमरा कलां माइनर के सड़क काम के लिए वे 23 मार्च को यहां पहुंचे। 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन हो गया व सभी यहां फंस गए। ठेकेदार संतोष दूबे को समस्या बताई तो उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कुछ नहीं कर सकता। परिवार ने अपनी समस्या सेमरा कलां निवासी राकेश तिवारी से बताई तो उन्होंने अपने घर से तीन दिन के राशन की व्यवस्था की। वहीं गांव के कोटेदार ने श्रमिकों को बाहरी बताते हुए राशन देने से पल्ला झाड़ लिया। मामले की जानकारी एसडीएम लालगंज शिव प्रसाद को मिली तो उन्होंने बीडीओ हलिया को फंसे हुए श्रमिकों के लिए राशन उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए।


श्रमिकों को ट्रकों से भेजा गया


चुनार सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले संजय, संतोष, अजय, बबलू, धर्मेंद्र, राजू,संजू, विवेक सहित दर्जनभर श्रमिक पैदल चलकर ही राजगढ़ तक पहुंचे। कुछ रेलवे लाइन पकड़कर तो कुछ लोग सड़क मार्ग से आए। राजगढ़ के पटेल नगर बाजार में पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने उन्हें बैठाया और पानी पिलाया। सभी का नाम पता पूछा गया और डायल 112 को इसकी जानकारी दी गई। मौके पर पहुंची पीआरवी ने सोनभद्र की ओर जा रहे मालवाहक ट्रकों से उनको भिजवाया। वही हलिया थानाक्षेत्र के ड्रमंडगंज बाजार में 15 की संख्या में श्रमिकों को ड्यूटी पर तैनात पीएसी के जवानों ने मानवता के आधार पर कच्चे माल लेकर जा रही ट्रक पर एक-एक, दो-दो की संख्या में बैठाकर भेजा। पीएसी जवानों ने बताया कि वे श्रमिक मध्यप्रदेश से चलकर औराई जा रहे थे। थकान की वजह से यहां रुके थे जिनकी मदद की गई।


हाइवे पर चल रहा श्रमिकों का काफिला


जनपद के मीरजापुर- रीवां रोड, सोनभद्र रोड, मीरजापुर-प्रयागराज, मीरजापुर-वाराणसी वाया चुनार, शक्तिनगर-वाराणसी सहित औराई व गोपीगंज हाइवे पर इन दिनों पदयात्रा करने वाले कई परिवार दिख जाएंगे। कोई बिहार जाने के लिए निकला है तो कोई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपने गांव जाने को आतुर है। इन परिवारों के पास साहस और घर पहुंचने की इच्छा के सिवाय कुछ नहीं। इनकी पीड़ा देखकर पुलिस मदद कर रही है लेकिन सैकड़ों किलोमीटर का लंबा सफर तय करने में इनकी मदद अभी न के बराबर ही हो रही है। सूचनाएं मिलने पर अधिकारी इन्हें भोजन आदि मुहैया करा रहे हैं लेकिन इनकी एक ही तमन्ना है कि जल्द से जल्द घर पहुंच सकें।