भारतीय वैज्ञानिकों ने की कोरोना वायरस की पहचान, तस्वीर जारी

भारत के वैज्ञानिकों ने पहली बार सार्स-सीओवी-2 वायरस (कोविड-19) की सूक्ष्मतम (माइक्रोस्कॉपी) तस्वीर पर से परदा उठाने में कामयाबी हासिल की है। वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला के जरिए भारत के पहले पुष्ट कोरोना वायरस (कोविड-19) मामला जो कि 30 जनवरी को केरल में मिले थे, से इसे निकालने में सफलता पाई है। आईजेएमआर के लेटेस्ट एडिशन में इसे विस्तार से प्रकाशित किया गया है।



वहीं, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस 'कोविड-19' संक्रमण के 75 नए मामले सामने आए हैं और चार मरीजों की मौत हुई हैं। कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है। कोरोना वायरस के संक्रमण से देश भर में अब तक 17 लोगों की मौत हुई है। केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में अभी तक सबसे अधिक संक्रमण के मामले सामने आए हैं।


कोरोना महामारी से महाराष्ट्र में चार, गुजरात में तीन, कनार्टक में दो, दिल्ली, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। देशभर में कोविड-19 संक्रमण के कुल 724 मामले सामने आए हैं। देशभर में कोविड-19 संक्रमण के अब तक कुल 724 मामले सामने आए हैं।


दुनिया के करीब 200 देशों में कहर मचा रहे कोरोना वायरस की भारत में तस्वीर जारी हुई है। भारतीय वैज्ञानिकों ने कोविड-19 बीमारी के वाहक बने कोरोना वायरस की तस्वीर खींचने में कामयाबी हासिल की है। पुणे के वैज्ञानिकों ने ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप इमेजिंग का इस्तेमाल करके यह तस्वीर खींची। वैज्ञानिकों ने भारत के पहले पुष्ट कोरोना वायरस (कोविड-19) मामले से इस तस्वीर को निकाला है, जो कि 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। यह पहला अवसर है जब भारतीय वैज्ञानिकों ने इस वायरस की तस्वीर जारी की है। हालांकि, चीन इससे पहले अपने यहां कोरोना वायरस की तस्वीर जारी कर चुका है। 


चीनी वेबसाइट सीजीटीएन के मुताबिक, चीन में करीब 24 जनवरी को कोरोना वायरस की पहली तस्वीर जारी की गई थी। कोरोना वायरस की पहली इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप तस्वीर और कोरोना वायरस के बारे में अधिक जानकारी जनवरी में ही नेशनल रिसोर्सेस बैंक फॉर पाथोजेनिक माइक्रोऑर्गनिज्म द्वारा जारी किया गया। इसी कोरोना वायरस ने चीन के वुहान शहर में तबाही मचाई और वहां करीब 3300 लोग इससे मारे गए। कोरोना वायरस के हाई रिजोल्यूशन तस्वीर के अलावा, इसके जेनेटिक उद्भव और वायरस पृथक्करण स्रोत को भी सार्वजनिक किया गया। इस सूचना के अधार पर ही दुनियाभर के वैज्ञानिक आगे के शोध में सक्षम हुए।